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Wednesday, March 16, 2016

गजल

प्रयास प्रेमी (राम नारायण )
             गजल
याद करै छी ओकरा जे ओ एतै कहिया ? 
मनके ललुसा हमर पुरेतै कहिया ? 
अपन मांग स'जौउनें बैसल छी हम , 
ओ सेनुर सँ हमर मांग सजेतै कहिया ? 
जोवनक' रंग सब धोख्रल जाएत छै , ओ
नव रंग जोवनमे लगेतै कहिया ? 
ध्रुव दर्शन लेल मन छै ब्याकुल हमर , 
ओ हमरा ध्रुव दर्शन करेतै कहिया ? 
घर अंगना सुनसान लागैय हमर , 
नै जानी ओ प्रेमक' बाजा बजेतै कहिया ? 
हमरा संग केलाह वादा कसमके ओ , 
हमरा दुल्हिन बनाके निभेतै कहिया ?

1 comment:

  1. हार्दिक आभार प्रिय मित्र प्रकाश मैथिल जे अपनें हमर गजलके अपन अनलाईन पत्रिकामे स्थान देलौं ।

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